एलेस्टेयर कुक ने उठाए सवाल: ड्यूक(Dukes) बॉल की घटिया क्वालिटी (Quality) पर बड़ा खुलासा !!

ड्यूक्स बॉल क्या है?

ड्यूक(Dukes) बॉल एक क्रिकेट गेंद है जिसका उपयोग इंग्लैंड में विशेष और टेस्ट मैचों के लिए किया जाता है और यह अपनी टिकाऊपन और स्विंग गुणों के कारण सबसे लोकप्रिय गेंदों में से एक मानी जाती है। जैसे SG भारत में लोकप्रिय है, kookaburra बॉल ऑस्ट्रेलिया में लोकप्रिय है, Dukes बॉल इंग्लैंड में अधिक पारंपरिक है, इसका निर्माण लंदन में इस ब्रिटिश कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है।

Alaister Cook Image

Dukes बॉल की मैन्युफैक्चरिंग: कैसे बनता है आज जानते हैं इस ब्लॉग में विस्तार से ।

Dukes बोल की मैन्युफैक्चरिंग British Cricket Balls Ltd के अधीन है, जिसका मुख्यालय Walthamstow, London है। यह कंपनी 18वीं शताब्दी से क्रिकेट गेंदों का निर्माण कर रही है। ये बोल हाथों से सिला हुआ होता है और इसकी quality काफी होती है:

  • Core : कोर आउटसाइड(outside) का हिसा होता है और रबर से बना होता है।
  • Seam : प्रमुख और ऊपरी सीम, जो स्विंग और सीम मूवमेंट में मदद करता है।
  • Shine: इसमें लंबे समय तक चलने वाली पॉलिश है जो मैच के दौरान गेंद को खराब होने से बचाती है।

Dukes को विशेष रूप से इंग्लैंड की बादल वाली परिस्थितियों के लिए डिजाइन किया गया है, जहां तैराकी (Seam) गेंदबाजी काफी प्रभावी और खतरनाक लगती है।

एलिस्टेयर कुक का बयान : इंग्लैंड के फार्मर कप्तान ने क्या कहा ?

एलिस्टेयर कुक के हालिया बयान ने गेंद की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जो अब क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है।
Original Statement (in English):
“I was shocked at how the Dukes ball behaved. It just didn’t last. It used to be the pride of English cricket – lasting 80 overs, giving bowlers something. But now, it’s soft and going out of shape too early. Something’s gone wrong.”
Alastair Cook, former England captain

मुझे लगता है कि Dukes गेंद मैच में टिक नहीं पा रही है। पहले इंग्लैंड क्रिकेट में गेंद ज्यादा चलती थी और गेंदबाजों को मदद मिलती थी और प्रभावशीलता भी बढ़ जाती थी, लेकिन गेंद नरम हो रही है और यह खराब होती जा रही है। यह गंभीर चिंता का विषय क्यों है, इस पर विचार किया जाना चाहिए।”

कुक ने कहा कि “अगर गेंद की गुणवत्ता में गिरावट जारी रही तो भी गेंदबाजों के लिए इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में अपनी पुरानी धार पाना मुश्किल होगा और उन्हें मदद नहीं मिलेगी।”

क्रिकेट जगत पर प्रभाव: क्या इस बयान से बदलाव आएगा?

एलिस्टर कुक जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ का ड्यूक(Dukes) की गेंद पर सवाल उठाना एक बड़ा संकेत है। इसका असर कुछ इस तरह हो सकता है:

  1. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ड्यूक्स (Dukes) भविष्य में गेंद की गुणवत्ता नियंत्रण पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा।
  2. भविष्य में परीक्षण के उद्देश्य से कूकाबुरा (Kookaabura) , एसजी (SG) के साथ भी कुछ मैच खेले जा सकते हैं।
  3. गेंद का स्वरूप खिलाड़ी के जीन पर निर्भर करता है और यदि गुणवत्ता में गिरावट आती है तो उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
  4. ड्यूक्स (Dukes) बॉल निर्माता पर स्विंग समर्थन के अपने पुराने मानक को वापस लाने का दबाव होगा।

हाल के मैचों के आंकड़ों पर दबाव क्यों : गुणवत्ता संबंधी समस्या की पुष्टि?

काफ़ी मैचों में देखा गया है की :

  • खराब गुणवत्ता के कारण गेंद जल्दी ढीली हो रही है।
  • 25 से 30 ओवर के बाद स्विंग और सीम गति कम हो जाती है।
  • अम्पायर ने कई बार प्रतिस्थापन (replacement) गेंद का भी प्रयोग किया।

यह उप-प्रस्तुति इस बात को प्रमाणित करती है कि कूक की अंतरात्मा की आवाज कोई व्यक्तिगत राय नहीं है, बल्कि यह जमीनी स्तर की वास्तविकता है, और यही हम करने का प्रयास कर रहे हैं।

क्या फ्यूचर है ड्यूक्स (Dukes) बॉल का?

ड्यूक्स गेंद इंग्लैंड क्रिकेट के लिए जानी जाती है, अगर इसकी गुणवत्ता को बनाए नहीं रखा गया तो न केवल गेंदबाज़ों पर असर पड़ेगा, बल्कि इंग्लैंड की पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट शैली भी प्रभावित हो सकती है। एक बेहतरीन सीनियर खिलाड़ी निर्माताओं और ईसीबी के लिए एक चेतावनी है।

आने वाले महीनों और दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ड्यूक्स (Dukes) कंपनी फीडबैक पर किस तरह की प्रतिक्रिया देती है और क्या शानदार गुणवत्ता वापस आती है?

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